जयपुर न्यूज डेस्क: राजस्थान विधानसभा में सात दिनों के गतिरोध के बाद सदन की कार्यवाही सामान्य हुई थी, लेकिन कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा की अमर्यादित टिप्पणी ने एक बार फिर विवाद खड़ा कर दिया। शुक्रवार को जनजाति और सामाजिक न्याय की अनुदान मांगों पर बहस के दौरान घोघरा ने एक अन्य विधायक को अपमानजनक शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा, "ओए माननीय, बात मत कर, नहीं तो मेरा जूता बात करेगा।" उनके इस बयान से सदन की गरिमा प्रभावित हुई।
डूंगरपुर से कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा की यह टिप्पणी भाषा के निम्न स्तर को दर्शाती है। उन्होंने सदन में विरोध कर रहे विधायक से कहा, "बैठ जा, बीच में डिस्टर्ब मत कर।" खास बात यह रही कि उनकी इस अमर्यादित भाषा पर न तो सभापति ने टोका और न ही किसी अन्य विधायक ने आपत्ति जताई। बल्कि, घोघरा ने खुद को पीड़ित बताते हुए सभापति से कहा कि "मुझे आपका संरक्षण चाहिए, आप पक्षपात मत करें।"
गुरुवार को ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच 7 दिन से जारी गतिरोध खत्म हुआ था। यह गतिरोध कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा स्पीकर पर की गई अमर्यादित टिप्पणी से उपजा था। इसे लेकर नेता प्रतिपक्ष ने खेद जताया था, जिसके बाद दोनों पक्षों ने संयमित भाषा और सदन की गरिमा बनाए रखने का संकल्प लिया था। लेकिन, अगले ही दिन घोघरा की टिप्पणी ने फिर से माहौल बिगाड़ दिया।
सदन में अनुशासन और मर्यादा बनाए रखने की जिम्मेदारी सभी विधायकों की होती है, लेकिन लगातार हो रही इन घटनाओं से विधानसभा की गरिमा पर सवाल उठ रहे हैं। अब देखना यह होगा कि इस विवादित बयान पर विधानसभा अध्यक्ष और अन्य नेता क्या रुख अपनाते हैं।